पाकिस्तान और चीन की तरह भारत में अभी तक 5th generation warfare की यूनिट अभी तक शुरू नहीं हुई है । पाकिस्तान और चीन 5th generation warfare में बहुत आगे निकल चुके हैं और भारतीय सेना को 5th generation ware fare की कोई मदद नहीं मिलती । चाणक्य की मगध विजय 5th generation warfare का क्लासिक उदहारण हैं । जिसमे मगध में चाणक्य द्वारा पहले फुट डाली जाती है और मगध की सीमा पर चन्द्रगुप्त की फौज तैनात रहती है । और चाणक्य मगध में फुट डलवा कर आसानी से बिना अपना एक सैनिक गवांए मगध को जीत लेते हैं । इस दुष्पचार तंत्र को कहते हैं fifth generation war fare । जिसमे social media द्वारा ,paid पत्रकारों , फिल्मी द्वारा समाज के विभिन्न वर्गों को आपस में लाडवाया जाता है और आपके धर्म संस्कृति पर अविश्वास create करवाया जाता है । आजकल पाकिस्तान आर्मी का एक यूनिट केवल fifth generation war fare को समर्पित है । जिसमें लाखों फ़र्ज़ी social media accounts ,ट्विटर हैंडल्स ,फेक प्रोपगंडा वीडियो द्वारा हिन्दू समाज के अलग अलग घटकों को आपस मे लड़वाया जाता । बाकायदा इसके लिये paid staff रखा जाता है जिसको भारत की भाषाओं का ज्ञान होता है , इनकी proper ट्रेनिंग होती है , हिन्दुओं की fault line की पूरी जानकारी दी जाती है । हज़ारों प्रोपगंडा वीडियो बनाये जाते है । अभिनंदन वर्धमान को पाकिस्तान द्वारा पकड़े जाने पर भारत सरकार ने पाकिस्तान को कड़ा सबक सीखने का प्रण कर लिया था । लेकिन पाकिस्तान ने अपने 5th generation warfare tool का इस्तेमाल कर के भारत में इमरान खान को हीरो बना दिया और हमारी सरकार हाथ मलती रह गई । यह जो चीन भारत युद्ध हो रहा है यह भी 5th generation warfare अधिक है । बड़ी लड़ाई लगने की उम्मीद कम है । चीन बॉर्डर पर अपनी आर्मी को तैनात कर इस बात की प्रतीक्षा कर रहा है कि कब भारत अंदर से de stablize हो । चीन की फ़ौज बॉर्डर पर देख कर कई खालिस्तानि ,माओवादी ओं ,इस्लामिक जिहादियों ,द्रविड़ स्तन मांगने वालों के हौंसले बुलंद हो गए हैं । यह भारत के अंदर गृहयुद्ध की शुरूआत कर सकते हैं । असली लड़ाई के अंदर लड़ी जानी है ,मीडिया प्लेटफार्म द्वारा । अगर सरकार को लगता है कि हालात बिगड़ रहें हैं तो चीन से पहले भारत में social ,print ,और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर पाबंदी लगाये फिर ही चीन से युद्ध करे । भारतीय सेना को भी अपनी fifth generation warfare unit तैयार करनी चाहिये तांकि हम भी पाकिस्तान और चीन की fault lines को भूना कर दुश्मन खेमों में kios पैदा कर सकें । धन्यवाद
सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम
नमस्कार मित्रों आज हम चर्चा करेंगे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के बारे में। हम चर्चा करेंगे कि कैसे सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम से हरेक पैमाने पर अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम कैसे उपभोक्ता के लिए भी अच्छा है और पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम और पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम के अंतर को जाने के लिए सबसे पहले हम एक उदाहरण लेते हैं l इस लेख को पूरी तरह समझने से लेख के साथ जो हमने चार्ट लगाया है उसे ध्यान से देखें । मान लो पंजाब में एक शहर है संगरूर ।इसके इर्द गिर्द लगभग 500 व्यक्ति कुल्फी बनाने के धंधे में लगे हुए हैं। यह लोग गांव से दूध लेकर रात को जमा देते हैं और सुबह तैयार कुल्फी शुरू शहर में आकर बेच देते हैं ।इस तरह आपको ताजा कुल्फी खाने को मिलती है ।यह सनातन प्रोसेसिंग सिस्टम का एक उदाहरण है। दूसरी तरफ पूंजीवादी प्रोसेसिंग सिस्टम में संगरूर शहर के गावों का दूध पहले 72 किलोमीटर दूर लुधियाना में बसंत आइसक्रीम के प्लांट में ट्रकों में भर भर के भेजा जाता है ।वहां पर इस प्रोसेसिंग करके इसकी कुल्फी जमा
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