यह देखिए पूंजीवादी जीडीपी की सच्चाई
१.अगर महंगाई घट जाए तो जीडीपी घट जाएगी
२.अगर देश अधिक बीमार हो तो जीडीपी बढ़ जाएगी।
३.अगर पानी अधिक दूषित हो जाये तो जीडीपी बढ़ जाएगी।
४.अगर आपका परिवार टूट जाये । तो आपको बाहर खाना खाना पड़ेगा । जिससे जीडीपी बढ़ जाएगी।
५.अगर बलात्कार अधिक हों ,कत्ल अधिक हों तो जीडीपी बढ़ जाएगी।
६.अगर आप अपने माता पिता को बृद्धाश्रम में छोड़ आएं तो जीडीपी बढ़ जाएगी।
७.अगर आप बच्चों पालन पोषण परिवार में करते हैं । तो आप जीडीपी के दुश्मन हैं । अगर आपका बच्चा क्रेच आदि में पलेगा तो जीडीपी बढ़ेगी ।
८.अगर आपकी माँ या पत्नी आपकी सेहत का ध्यान रखती है औऱ आपको बढ़िया घर का खाना बना कर खीलती है । तो वह जीडीपी की दुश्मन । और 3 ट्रिलियन इकॉनमी में बाधक है।
९. अगर आप पैदल चलते हैं तो आप जीडीपी growth रेट आदि के रास्ते की रुकावट हैं।
१०.अगर आप कम प्लास्टिक produce करते है ।जैसे आप पैकिंग वाले केमिकल युक्त 5-6 महीने पुराने फ्रूट जूस के स्थान पर ताज़ा जूस पीतें हैं । तो इन कंपनियों की ग्रोथ कम हो जाएगी । इनके शेयर गिर जाएंगे । और विकास में रुकावट बनाने का पाप आप पर लगेगा।
११. अगर आप कोई भी धर्म कर्म का काम जैसे गरीब लोगों के लिये लंगर , पानी के पियाऊ, वृक्षारोपण, माता पिता की सेवा ,निःशुल्क गुरूकुल आदि की व्यवस्था करतें है तो आप विकास को मार रहें हैं।
१२. अगर आप शराब नही पीतें, जुआ नही खेलते, लोन लेकर बड़ी कंपनियों की गाड़ियां ,महंगे मोबाइल आदि नही खरीदते ,कोई दो नंबर का काम नही करते तो आप देश की ग्रोथ में बाधक हो ।
१३. अगर आप सीधे किसान से दूध ,आनाज ,आदि लेते हो तुम विकास के दुश्मन । इसके स्थान पर अगर 3,4 दिन पुराना पैकेटबंद ,केमिकल युक्त ब्रांडेड दूध पीते हो तो आप देश का विकास कर रहे हो ,जीडीपी बढ़ा रहे हो । क्योकि एक तो इससे जो प्लास्टिक पैदा होगा उससे देश की जीडीपी तीन चार बार बढ़ेगी , पहला जब प्लास्टिक का उत्पादन होगा तब ,दूसरा जब आप प्लास्टिक की थैली को फेंक दोगे तो सफाई करने वाली कंपनियो को लाभ होगा तब , फिर जब प्लास्टिक से नदियों गन्दी होंगी ,पानी गंदा होगा फिर इसको साफ करने वाली कंपनियों के शेयर की कीमित बढेंगी तब ।
जय महंगाई,जय प्रदुषण ,जय बीमारी,जय जीडीपी,जय ग्रोथ,जय विकास ,जय इकॉनमी । बाकि आप जोड़ दें।
२.अगर देश अधिक बीमार हो तो जीडीपी बढ़ जाएगी।
३.अगर पानी अधिक दूषित हो जाये तो जीडीपी बढ़ जाएगी।
४.अगर आपका परिवार टूट जाये । तो आपको बाहर खाना खाना पड़ेगा । जिससे जीडीपी बढ़ जाएगी।
५.अगर बलात्कार अधिक हों ,कत्ल अधिक हों तो जीडीपी बढ़ जाएगी।
६.अगर आप अपने माता पिता को बृद्धाश्रम में छोड़ आएं तो जीडीपी बढ़ जाएगी।
७.अगर आप बच्चों पालन पोषण परिवार में करते हैं । तो आप जीडीपी के दुश्मन हैं । अगर आपका बच्चा क्रेच आदि में पलेगा तो जीडीपी बढ़ेगी ।
८.अगर आपकी माँ या पत्नी आपकी सेहत का ध्यान रखती है औऱ आपको बढ़िया घर का खाना बना कर खीलती है । तो वह जीडीपी की दुश्मन । और 3 ट्रिलियन इकॉनमी में बाधक है।
९. अगर आप पैदल चलते हैं तो आप जीडीपी growth रेट आदि के रास्ते की रुकावट हैं।
१०.अगर आप कम प्लास्टिक produce करते है ।जैसे आप पैकिंग वाले केमिकल युक्त 5-6 महीने पुराने फ्रूट जूस के स्थान पर ताज़ा जूस पीतें हैं । तो इन कंपनियों की ग्रोथ कम हो जाएगी । इनके शेयर गिर जाएंगे । और विकास में रुकावट बनाने का पाप आप पर लगेगा।
११. अगर आप कोई भी धर्म कर्म का काम जैसे गरीब लोगों के लिये लंगर , पानी के पियाऊ, वृक्षारोपण, माता पिता की सेवा ,निःशुल्क गुरूकुल आदि की व्यवस्था करतें है तो आप विकास को मार रहें हैं।
१२. अगर आप शराब नही पीतें, जुआ नही खेलते, लोन लेकर बड़ी कंपनियों की गाड़ियां ,महंगे मोबाइल आदि नही खरीदते ,कोई दो नंबर का काम नही करते तो आप देश की ग्रोथ में बाधक हो ।
१३. अगर आप सीधे किसान से दूध ,आनाज ,आदि लेते हो तुम विकास के दुश्मन । इसके स्थान पर अगर 3,4 दिन पुराना पैकेटबंद ,केमिकल युक्त ब्रांडेड दूध पीते हो तो आप देश का विकास कर रहे हो ,जीडीपी बढ़ा रहे हो । क्योकि एक तो इससे जो प्लास्टिक पैदा होगा उससे देश की जीडीपी तीन चार बार बढ़ेगी , पहला जब प्लास्टिक का उत्पादन होगा तब ,दूसरा जब आप प्लास्टिक की थैली को फेंक दोगे तो सफाई करने वाली कंपनियो को लाभ होगा तब , फिर जब प्लास्टिक से नदियों गन्दी होंगी ,पानी गंदा होगा फिर इसको साफ करने वाली कंपनियों के शेयर की कीमित बढेंगी तब ।
जय महंगाई,जय प्रदुषण ,जय बीमारी,जय जीडीपी,जय ग्रोथ,जय विकास ,जय इकॉनमी । बाकि आप जोड़ दें।
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