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मन्दिर में चढ़वा कमेटी/सरकार की पेटी में डालने की जगह गरीब पुजारी के हाथ में दें । इससे निम्नलिखित लाभ होंगे 1. बड़े मन्दिरों जिन पर करोड़ों का चढ़वा चढ़ता है वह सरकार के नाजायज कब्जे में हैं । इन मन्दिरों में चढ़या गया दान मुसरमानों को आईएएस बनाने , इमामो को तनख्वाह देनें आदि के लिए खर्चा जाता है । 2. जो मन्दिर कमेटी के अधीन हैं उनमें अधिकतर मंदिर में मोटी करप्शन चलती है । 3. दान के लिए सुपात्र होना बहुत आवश्यक है । कुपात्र को दान बिल्कुल नहीं देना चाहिये । 4.अधिकतर छोटे मन्दिरों के पुजारी जी को बहुत कम वेतन मिलता है । 5.पुजारी को दक्षिणा देनें से आप को खुशी मिलेगी जो दान पेटी में डालने से नहीं मिलेगी । 6. पुजारी जी को दक्षिणा मिलने से धर्म और संस्कृत का प्रसार होगा । क्योंकि अधिकतर पुजारी गुरुकुल में पढ़ते हैं या संस्कृत सीखते हैं । इनकी देखरेख करने से अधिक लोग संस्कृत और गुरुकुलों की और आकर्षित होगें । 7. कम से कम आपका दान अल्पसंख्यक तुस्टीकरण के लिए नहीं लगेगा