संदेश

जनवरी, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

यह देखिए पूंजीवादी जीडीपी की सच्चाई

१.अगर महंगाई घट जाए तो जीडीपी घट जाएगी २.अगर देश अधिक बीमार हो तो जीडीपी बढ़ जाएगी। ३.अगर पानी अधिक दूषित हो जाये तो जीडीपी बढ़ जाएगी। ४.अगर आपका परिवार टूट जाये । तो आपको बाहर खाना खाना पड़ेगा । जिससे जीडीपी बढ़ जाएगी। ५.अगर बलात्कार अधिक हों ,कत्ल अधिक हों तो जीडीपी बढ़ जाएगी। ६.अगर आप अपने माता पिता को बृद्धाश्रम में छोड़ आएं तो जीडीपी बढ़ जाएगी। ७.अगर आप बच्चों पालन पोषण परिवार में करते हैं । तो आप जीडीपी के दुश्मन हैं । अगर आपका बच्चा क्रेच आदि में पलेगा तो जीडीपी बढ़ेगी । ८.अगर आपकी माँ या पत्नी आपकी सेहत का ध्यान रखती है औऱ आपको बढ़िया घर का खाना बना कर खीलती है । तो वह जीडीपी की दुश्मन । और 3 ट्रिलियन इकॉनमी में बाधक है। ९. अगर आप पैदल चलते हैं तो आप जीडीपी growth रेट आदि के रास्ते की रुकावट हैं। १०.अगर आप कम प्लास्टिक produce करते है ।जैसे आप पैकिंग वाले केमिकल युक्त 5-6 महीने पुराने फ्रूट जूस के स्थान पर ताज़ा जूस पीतें हैं । तो इन कंपनियों की ग्रोथ कम हो जाएगी । इनके शेयर गिर जाएंगे । और विकास में रुकावट बनाने का पाप आप पर लगेगा। ११. अगर आप कोई भी धर्म कर्म का काम जैसे गरीब

बाज़ार में पिसे हुए आटे में मिलावट कैसे की जाती है

१ पिसे हुये branded ,non branded आटे में वजन बढ़ाने के लिये 100 किलो गेहूं में लगभग 15 किलो पानी मिलाया जाता है ।जिससे आटे का बजन अधिक हो जाता है । लेकिन पानी लगने से आटा जल्दी खराब ना हो इसलिए उसमे केमिकल डाल दिया जाता है २. पिसे पिसाये branded नॉन ब्रांडेड आटे में खराब गेहूं जो की सेहत के लिये हनिकारक होता है उसे मिलाया जाता है जो काफी सस्ता मिलता है । रंग बरकरार रखने के लिये केमिकल डाल दिया जाता है। ३ पिसे पिसाये ब्रांडेड,नॉन ब्रान्डेड आटे में सस्ती चावल की किनकी मिलाई जाती है जिससे आटा रबड की तरह लचीला हो जाता है। ४. रंग बढ़िया लाने के चक्कर में गेंहू का छिलका जिसको चोकर कहते है इसमे बहुत ताक़त होती है उसको निकाल लिया जाता है । इस मिलावटी पिसे पिसाये आटे से सबसे अधिक sugar नाम का रोग हो जाता है विकल्प:-खुद का गेंहू खरीद कर छोटी चक्की पर अपनी आंखों के सामने गेंहू पिसवायें । और सनातन अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में अपना योगदान दें