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सनातनी GOLD vs पूंजीवादी Bank FD

सनातनी GOLD vs पूंजीवादी Bank FD ========================= सन 2001 में 10 ग्राम GOLD था 4300 Rs का आज जुलाई 2019 में गोल्ड का रेट है 36000 प्रति 10 ग्राम | ---------- मान लो अगर आपने सन  2001 में  4,30,000 रूपए बैंक में FIXED DEPOSIT  करवाया तो आज 2019 में वह  बढ़कर हो जायेगें 17.20 लाख | . वहीँ  आपने सन  2001 में  4,30,000 रूपए का गोल्ड ख़रीदा होता तो आज जुलाई 2019 में आपको मिलता   36 लाख |  . बैंक में FD बनवाने से आप को हुई हानि =18.80 लाख  .------------------------ आप किस में निवेश करना पसंद करोगे } ----------------- सनातन इन्वेस्टमेंट मॉडल के बारे में अधिक जानने के लिए हमारा ब्लॉग पढ़ें https://sanatanbharata.blogspot.com/2019/05/investment.html
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जीडीपी की सच्चाई ---- मान लो एक शहर में 1000 सब्जी विक्रेता है। वह 1 साल में सब्जी बेचकर 2-2 लाख कमा लेते हैं ।लेकिन वे देश की जीडीपी में कोई भी योगदान नहीं देगें क्योंकि उनकी आय सरकार की किसी बही खाते मे दर्ज नहीं होती। मान लो अगर उसी शहर में एक Reliance Fresh की दुकान खुलती है ,जो कि सब्जी भी बेचती है । धीरे धीरे वह दुकान 1000 सब्जी वालों को खत्म कर देती है ,और साल में 2000 लाख रुपया कमा लेती है ।तो देश की जीडीपी 2000 लाख रुपया बढ़ जाएगी। ---- इस तरह हमने देखा की कैसे अगर बड़ी पूंजीवादी कंपनीज़ आमदनी बढ़ती है ,तो देश की जीडीपी ही बढ़ जाएगी ,और अगर गरीब की आमदन बढ़ती है तो जीडीपी कम हो जाएगी। --- यह जीडीपी का प्रोपेगेंडा पूंजीवादी Information Warfare की आंकड़ों की बाजीगरी है ,और कुछ भी नहीं। पूंजीवादी कंपनीज की आमदन के बढ़ने को विकास ,GDP Growth कहते हैं । --- पूंजीवादी व्यवस्था, वह व्यवस्था है जो कि देश के सारे संसाधन और धन लूटकर चंद व्यक्तियों तक सीमित कर देती है। इसके विपरीत सनातन अर्थव्यवस्था यह यकीनी बनाती है कि देश के संसाधनों और धन की समान बां

क्या भारतीय मुद्रा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बन सकती है

क्या भारतीय मुद्रा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बन सकती है APRIL 2019 तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 420 बिलियन डालर है | जोकि भारतीय मुद्रा में लगभग 29 लाख करोड़ ( Converted @70 rs per dollor) है | भारत में RBI ने June 2018 लगभग 18. लाख 50 हज़ार करोड़ की करेंसी जारी की हुई है | इस तरह हमारी देश की कुल करेंसी हमारे विदेशी मुद्रा भंडार से कम हैं | अगर भारत सरकार 264 बिलियन डॉलर (18 लाख 50 हज़ार करोड़ रूपए ) का गोल्ड अन्तराष्ट्रीय मार्किट से खरीद ले और हमारे करेंसी पर यह अंकित कर दे कि अगर धारक 3500 रूपए के नोट RBI को वापिस देता है तो RBI उसे 1 ग्राम सोना देने का वचन देगा है तो भारत की मुद्रा का कभी भी अवमुलायन (depreciation ) नहीं होगा | और धीरे धीरे भारत की डालर ,pound ,euro की तरह विश्व व्यापार के मुद्रा बन जाएगी। इतना सब करने के बाद भी भारत के पास 156 डॉल बिलियन डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार बच जाएगा और 264 बिलीयन डॉलर के बराबर का Gold Reserve भी होगा।